Budget 2025 : देश में लगातार बढ़ती महंगाई और घटती खपत ने सभी की निगाहें बजट 2025 पर टिका दी हैं। उद्योग जगत से लेकर आम करदाताओं तक, हर कोई उम्मीद कर रहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार ऐसा बजट पेश करेंगी जो महंगाई का दबाव कम करने के साथ-साथ देश की आर्थिक स्थिति को नई दिशा देगा।

पेट्रोल-डीजल पर टैक्स घटाने की मांग तेज
महंगे ईंधन के कारण न केवल परिवहन लागत बढ़ रही है, बल्कि इसका असर रोजमर्रा की चीज़ों की कीमतों पर भी साफ दिखाई दे रहा है। उद्योग संगठन सीआईआई (कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री) ने वित्त मंत्री से अपील की है कि पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाई जाए।
सीआईआई का कहना है कि मई 2022 से अब तक ग्लोबल क्रूड ऑयल की कीमतें 40% कम हो चुकी हैं, लेकिन भारत में ईंधन के दाम जस के तस हैं। पेट्रोल की कीमत में 21% और डीजल की कीमत में 18% हिस्सा एक्साइज ड्यूटी का है। इस टैक्स में कटौती महंगाई को कम कर सकती है और घरेलू खपत को बढ़ावा दे सकती है।
करदाताओं के लिए राहत की गुहार
बढ़ती महंगाई के बीच मध्यम वर्ग के लोग इस बजट से बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे हैं। सीआईआई ने सुझाव दिया है कि 20 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वालों पर इनकम टैक्स की दरों में कटौती की जाए। यह कदम न केवल लोगों को वित्तीय राहत देगा, बल्कि उनकी खर्च करने की क्षमता भी बढ़ाएगा, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
पर्सनल और कॉरपोरेट टैक्स में असमानता पर सवाल
व्यक्तिगत करदाताओं पर टैक्स का उच्चतम दर 42.74% है, जबकि कंपनियों को केवल 25.17% टैक्स देना पड़ता है। सीआईआई ने इसे असमानता करार देते हुए इसे खत्म करने की अपील की है। उनका मानना है कि उच्च टैक्स दरें आम आदमी की क्रय शक्ति पर नकारात्मक असर डाल रही हैं और खपत को प्रभावित कर रही हैं।
महंगाई बन रही है बड़ी चुनौती
वर्तमान वित्त वर्ष में खपत में गिरावट और दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट में कमी ने सरकार के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। सीआईआई के डायरेक्टर जनरल चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि देश की तेज़ आर्थिक विकास के लिए घरेलू खपत को बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है। लेकिन महंगाई के कारण लोग खर्च करने से बच रहे हैं, जिससे बाजार में सुस्ती छा गई है।
क्या होगा एक फरवरी को?
बजट 2025 सिर्फ एक घोषणा नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों के जीवन को प्रभावित करने वाला दस्तावेज होगा। एक फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश करेंगी। सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि पेट्रोल-डीजल पर टैक्स घटेगा या नहीं, और क्या करदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार महंगाई और खपत के बीच संतुलन कैसे बनाती है।
यह बजट केवल आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि जनता की उम्मीदों का प्रतिबिंब साबित होना चाहिए।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगामी बजट 2025-26 के लिए वित्तीय क्षेत्र और पूंजी बाजार के हितधारकों के साथ सातवीं पूर्व-बजट बैठक की अध्यक्षता की
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री, श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में वित्तीय क्षेत्र और पूंजी बाजार के हितधारकों के साथ सातवीं पूर्व-बजट परामर्श बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक आगामी केंद्रीय बजट 2025-26 की तैयारियों के संदर्भ में आयोजित की गई।
बैठक में वित्त सचिव, निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) के सचिव (@SecyDIPAM), आर्थिक मामलों के विभाग और वित्तीय सेवाओं के विभाग (@DFS_India) के सचिव और भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार भी उपस्थित थे।
इस परामर्श बैठक का उद्देश्य वित्तीय क्षेत्र और पूंजी बाजार के विशेषज्ञों एवं प्रतिनिधियों के विचारों और सिफारिशों को सुनना और बजट निर्माण प्रक्रिया में उनका समावेश सुनिश्चित करना था।
बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, वित्तीय स्थिरता बनाए रखने और पूंजी बाजार में निवेश को प्रोत्साहित करने के उपायों पर विचार-विमर्श किया गया।
आगामी बजट पर अधिक जानकारी और अपडेट के लिए @FinMinIndia को फॉलो करें।