“अगर अभी सीरीज में मेरी जरूरत नहीं है तो बेहतर होगा कि मैं खेल को अलविदा कह दूं। “
ऐसा भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कप्तान रोहित शर्मा को अपने चौकाने वाले रिटायरमेंट के फैसले से पहले कहा था। न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाला से ये दावा किया है। 14 साल तक भारत के लिए क्रिकेट खेलने वाले अश्विन के दिमाग में न्यूजीलैंड से सीरीज हार के बाद से ही संन्यास लेने का प्लान चल रहा था।
रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने टीम मैनेजमेंट को साफ कह दिया था कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज की प्लेइंग इलेवन में अगर जगह नहीं बनती है तो वह टीम के साथ ट्रैवल नहीं करेंगे।
मैंने उन्हें पिंक बॉल टेस्ट तक टीम में बने रहने के लिए मनाया: रोहित अश्विन को कीवियों के खिलाफ हुई सीरीज के 3 मैचों में दो टर्निंग ट्रैक (मुंबई और पुणे) को मिलाकर 9 विकेट मिले थे। वहीं सुंदर ने मात्र 2 मैचों में 16 विकेट झटके थे। सीरीज के पहले टेस्ट में रोहित मौजूद नहीं थे। इसके बाद कोच गौतम गंभीर ने भारत की प्लेइंग इलेवन फाइनल की थी। जिसमें भारत के नंबर-1 स्पिनर का नाम नहीं था।
रोहित की आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही बात ये साबित करती है कि अश्विन पर्थ टेस्ट की प्लेइंग इलेवन से खुश नहीं थे। भारतीय कप्तान ने कहा, जब मैं पर्थ आया तो अश्विन ने मुझे रिटायरमेंट की बात बताई। मैंने उन्हें पिंक बॉल टेस्ट तक टीम में बने रहने के लिए मनाया था। उन्हें ऐसा लगा कि सीरीज में अब उनकी और जरूरत नहीं है।
यह महत्वपूर्ण है कि जब अश्विन जैसा खिलाड़ी जिसने भारतीय टीम के साथ बहुत सारे पल बिताए हैं और जो हमारे लिए मैच विनर हो, उसे इस तरह का फैसला लेने की छूट दी जाए।भारतीय टीम के क्रिकेटर के तौर पर मेरा अंतिम दिन: अश्विन 38 साल के अश्विन ने गाबा टेस्ट खत्म होते ही रिटायरमेंट का ऐलान किया। वे कप्तान रोहित शर्मा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंचे और कहा, मैं आपका ज्यादा समय नहीं लूंगा। आज भारतीय टीम के क्रिकेटर के तौर पर मेरा अंतिम दिन था। मुझे लगता है कि एक क्रिकेटर के तौर पर मेरे अंदर अभी खेल बचा है, लेकिन यह मैं क्लब क्रिकेट में दिखाऊंगा।अश्विन के रिटायरमेंट लेने की 2 वजह
- 38 साल की उम्र में 537 टेस्ट विकेट लेने के बाद अश्विन ड्रेसिंग रूम में फ्लोरोसेंट (हरे रंग की एक्स्ट्रा प्लेयर की जर्सी) पहनकर नहीं बैठना चाहते थे। उन्होंने न्यूजीलैंड से सीरीज हार के बाद से ही संन्यास का प्लान बना लिया था।
- टीम मैनेजमेंट का पर्थ टेस्ट में अश्विन से पहले वॉशिंगटन सुंदर को प्राथमिकता देना। यह बात बताता है कि क्यों उन्होंने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में सीरीज खत्म होने से पहले रिटायरमेंट ले लिया। इंटरनेशनल क्रिकेट के स्मार्ट क्रिकेटर अश्विन को शायद अंदाजा हो गया था कि आगे टीम किसी युवा प्लेयर के बार में सोच रही है।
भारत ने 3 टेस्ट में 3 स्पिनर बदले भारत ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के शुरुआती 3 टेस्ट में भारत ने 3 अलग-अलग स्पिनर्स को मौका दिया। पर्थ टेस्ट में अश्विन की जगह वॉशिंगटन सुंदर को खिलाया था। बाद में कप्तान रोहित शर्मा की वापसी के बाद अश्विन पिंक-बॉल टेस्ट खेले थे। वहीं गाबा टेस्ट में लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा को मौका मिला।
PTI से BCCI के सूत्र ने बताया, अश्विन भारत के लिजेंडरी क्रिकेटर हैं, उनके पास अधिकार है कि वे अपने फैसले स्वयं लें। इसमें सिलेक्शन कमेटी का कुछ लेना-देना नहीं है। अगले साल जून-जुलाई में इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज में भारत शायद दो से ज्यादा स्पिनर्स ऑलराउंडर नहीं लेकर जाएगा।